गोवा :- गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में मरीजों की मौत का सिलसिला जारी है. मिडिया के सूत्रों से जानकारी मिली है कि रात 1 बजे से सुबह 6 बजे के बीच 13 और मरीजों की मौत हो गई. ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाने के कारण गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चार दिनों में मरने वालों की संख्या अब 75 हो गई है. मंगलवार को 26, बुधवार को 21, गुरुवार को 15 और आज 13 मरीजों की मौत हुई.
बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन की सप्लाई में रुकावट की वजह से ये मौतें हुई. लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि लॉजिस्टिक सपोर्ट की कमी के चलते ये मौतें हुई. वहीं गोवा सरकार ने जांच के लिए 3 सदस्यों की टीम बनाई है. आईआईटी गोवा के निदेशक डॉ बीके मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति को जीएमसी में ऑक्सीजन के प्रशासन की प्रक्रिया की जांच करने और इसके सुधार के लिए सिफारिश करने का काम सौंपा गया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट जनहित याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें राज्य सरकार पर कोविड संकट से निपटने के लिए उचित व्यवस्था न करने का आरोप लगाया गया है. खासकर, गोवा मेडिकल कॉलेज में, जहां पिछले तीन दिनों में दर्जनों कोविड मरीजों की मौत हो गई. अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि गोवा को ऑक्सीजन का तय कोटा जल्द से जल्द उपलब्ध हो. राज्य में फिलहाल संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
गोवा ने केंद्र से की शिकायत
केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए, गोवा सरकार ने कहा है कि उसे महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 11 टन तरल ऑक्सीजन का दैनिक आवंटित कोटा नहीं मिल रहा है. सचिव सुमिता डावरा को लिखे पत्र में, गोवा के प्रधान सचिव पुनीत कुमार गोयल ने कहा कि पिछले 10 दिनों में विभिन्न कारणों से आवंटन में 40 टन से अधिक की कमी रही है. 1-10 मई के दौरान, राज्य को आवंटित 110 टन में से कोल्हापुर से केवल 66.74 टन तरल ऑक्सीजन प्राप्त हुई थी.
12 मई को लिखे पत्र में कहा गया, “यह एक आग्रहपूर्ण अनुरोध है कि हमें 11 टन के स्थान पर कम से कम एक सप्ताह के लिए 22 टन प्रतिदिन दिए जाने चाहिए. कोल्हापुर से 11 टन का आवंटन गोवा के 26 टन तरल ऑक्सीजन के कुल आवंटन का 40 प्रतिशत है.